Wednesday, January 4, 2017

समरण की सुध लेवा ने आवे

समरण की सुध लेवाने आवे
ऐक पल मा मारो प्राण पती
समरण की सुध लेवा ने आवे,
★प
अजा मेल अजा को वेरी
जा घर काल कळा जागती
पुत्र ना नामे ऐक पल मा ओधार्यो
देख भरोसा नी भक्ती
समरण की सुध लेवा ने आवे,
★र
ऐक भरोसे अधरमी ओधार्यो
किधी मलेष्छ नी भली मती
अधरमी सजना ने आशीक बनाव्यो
गुणका हती ऐने किधी सती
समरण की सुध लेवा ने आवे,
★ब
रण भुमी मा किधी रखवाळी
नकर हालत पंखी नी बुरी हती
अधर क्षुणी माथी इंडा उगार्या
मरता राख्या जोने मुढ मती
समरण की सुध लेवा ने आवे,
★त
अविनासी को खेल अटारो
जाणे ऐने कोय विरला जती
सदगुरु  चरणे दास सवो कहे
गोविंदा तारी छे गहन गती
समरण की सुध लेवा ने आवे,
★टाइपींग~ परबत गोरीया★

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