Wednesday, January 4, 2017

गुजरात ना गायको मां

गुजरात ना गायको मा
अलगारी तुं अजोड
मोजीलो सर मोड रागधारी
तुं लक्षमणा,,,
★प
गजब रुपाळी गायकी
वैराग नी देखाडे वाट
लक्षमण ना कंठ मां
मध ना भरीयेल माट,
!
वाणी ना गरजे वादळ
अषाढी कंथ नी याद
वरसे नोटु नो वरसाद
लोक लागणीये लक्षमणा,,,
★र
सुर सब्द ने साज नो जबरो
लखपत जाणकार
कायम रीजवे किरतार
धन से ताणे धनाउत,
!
सब्द भेदी अने सुरीलो
टेरवे मचावे तरखाट
तुं लक्षमण धनाउत तणो
संतवाणी नो सम्राट,,,
★ब
लक्षमण बारोट ना राग मां
चेतन बने चीत संत
हाजर थाय हनुमंत
धरम धजा मां धनाउत
!
करुणा भरेल कंठ थी
काया नो धोय नाखे मेल
लेख पण बदले ललाट
लय ताल थी लक्षमणा,,,
★त
नर्मदा ने कांठे नाख्यो परथम
आश्रम नो पायो
अलय नाद आयो धव्नी
औम धनाउत
!
लक्षमण बारोट नी लागणी
समजे संत सुजाण
मानी मोतीडे मुलवे दिल थी
कहे،"नटुदान"
कवि श्री नटुदान बारोट
★टाइपींग~ परबत गोरीया★

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