Friday, May 26, 2017

भजन विचारो मारा भायला

पॆली रॆ कमायु जॆनॆ नइ पारखी रॆ
पछी घणॆा रह्याॆ पछताइ
मुळी रॆ गुमावी ऒलॆ मुरखॆ रॆ
जनम ऎनाॆ चाॆरासी मां जाय
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆प
काची रॆ वाडी जाॆनॆ काया तणी
ऎनॆ खंखॆर्या विना खरामांय
नुगरा रॆ माणस नॆ परमाॆधतां
पत ऎमां पाॆतानी वइ जाय
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆र
पांच रॆ तत्व नॆ त्रण गुण पारखॆ रॆ
ऎ पाॆतॆ हरी तां ऒळखाय
खॆाळॆ रॆ खावन धणी नॆ खॆलतां
पछी ऎनी बार फरे बलाइ
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆ब
टॆक रॆ गुरु नी नव ताॆडीयॆं
जब लग घट मां हाॆय प्राण
प्राण नॆ पींजर भलॆ नॆ जुदा पडॆ
ताॆ गुरु गम काॆइ दी नव जाय
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆त
नीजीया धरम नॆ जॆ नर जीलसॆ रॆ
ऎनॆ भव नां बंधन नव हाॆय
आवा धरम नॆ सतकरी मानजाॆ
जगत भलॆ नॆ ऎमां भरमाय
भजन विचाराॆ मारा भायला

परथम बॆलीडा ऎवा बांधजाॆ रॆ
धरा सुध्धी जीलॆ इताॆ भार
विपत पडॆ ताॆयॆ वणशॆ नहि रॆ
भलॆ नॆ उतरी जाय भवपार
भजन विचाराॆ मारा भायला

मन नॆ समजाव्युं ऎनॆ मायलुं रॆ
गुरु चरण ताॆ चीत लाय रॆ
दॆव रॆ डुंगरपुरी आवुं बाॆल्या
ऎनॆ जनम ना फॆरा नव हाॆय
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆टाइपींग~परबत गाॆरीया☆

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