पॆली रॆ कमायु जॆनॆ नइ पारखी रॆ
पछी घणॆा रह्याॆ पछताइ
मुळी रॆ गुमावी ऒलॆ मुरखॆ रॆ
जनम ऎनाॆ चाॆरासी मां जाय
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆प
काची रॆ वाडी जाॆनॆ काया तणी
ऎनॆ खंखॆर्या विना खरामांय
नुगरा रॆ माणस नॆ परमाॆधतां
पत ऎमां पाॆतानी वइ जाय
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆र
पांच रॆ तत्व नॆ त्रण गुण पारखॆ रॆ
ऎ पाॆतॆ हरी तां ऒळखाय
खॆाळॆ रॆ खावन धणी नॆ खॆलतां
पछी ऎनी बार फरे बलाइ
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆ब
टॆक रॆ गुरु नी नव ताॆडीयॆं
जब लग घट मां हाॆय प्राण
प्राण नॆ पींजर भलॆ नॆ जुदा पडॆ
ताॆ गुरु गम काॆइ दी नव जाय
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆त
नीजीया धरम नॆ जॆ नर जीलसॆ रॆ
ऎनॆ भव नां बंधन नव हाॆय
आवा धरम नॆ सतकरी मानजाॆ
जगत भलॆ नॆ ऎमां भरमाय
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆
परथम बॆलीडा ऎवा बांधजाॆ रॆ
धरा सुध्धी जीलॆ इताॆ भार
विपत पडॆ ताॆयॆ वणशॆ नहि रॆ
भलॆ नॆ उतरी जाय भवपार
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆
मन नॆ समजाव्युं ऎनॆ मायलुं रॆ
गुरु चरण ताॆ चीत लाय रॆ
दॆव रॆ डुंगरपुरी आवुं बाॆल्या
ऎनॆ जनम ना फॆरा नव हाॆय
भजन विचाराॆ मारा भायला
☆टाइपींग~परबत गाॆरीया☆
Friday, May 26, 2017
भजन विचारो मारा भायला
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भजन
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