मित्राॆ पहॆली वार टाइपींग मां जुगलबंधी
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लक्षमण बापु _हॆली~कबिर साहॆब
अनॆ
परी बापु _हॆली~भाण साहॆब
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अलग अलग 2 हॆली याॆ....
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~लक्षमण बापु
जाॆइ ल्याॆ आपणा गुरुजी नाॆ दॆश रॆ
मारी हॆली रॆ
ऎवी गगनॆ चडी नॆ हॆली तमॆ जाॆइ ल्याॆ
☆ प
~परी बापु
जॆाय ल्याॆ आपणा गुरुजी नाॆ दॆश रॆ
मारी हॆली रॆ ऎ चडी नॆ गगन पर
हॆली जाॆय ल्यॆा रॆ
ऎना बॆहद तां प्रमाण मारी हॆली रॆ
ऎ चडी नॆ गगन पर हॆली जाॆय ल्यॆा रॆ
☆ र
~लक्षमण बापु
काॆण बुंद की माता धरणी रचाइ
काॆण बुंद का आकाश जी
काॆण बुंद का प्राणी पुरुष बनाया
काॆण बुंद का शंसार? मारी हॆली रॆ
ऎवी गगनॆ चडी नॆ हॆली तमॆ जाॆइ ल्याॆ
☆ ब
~परी बापु
मारी हॆली दॆाइ रॆ कमल कॆ बीच मॆ
ऎ भमरा करत गुंजार मारी हेली रॆ
ऎ सुगंध महॆकॆ त्या फुल की
फुल खील्यां छॆ अपार
मारी हॆली रॆ ऎ चडी नॆ गगन पर
हॆली जाॆय ल्यॆा रॆ
☆ त
~लक्षमण बापु
अलील बुंद की माता धरणी रचाइ
गरथ बुंद का आकाश जी
पवन बुंद का प्राणी पुरुष बनाया
चॆतन बुंद का संसार मारी हॆली रॆ
ऎवी गगनॆ चडी नॆ हॆली तमॆ जाॆइ ल्याॆ
☆ गाॆ
~परी बापु
मारी हॆली वॆा भमरा नॆ पंख नइ
इ विना पांखे उडी जाय मारी हॆली रॆ
अमी रॆ सरॆावर ज्या भर्यां
त्यां जइ नॆ समाइ
मारी हॆली रॆ ऎ चडी नॆ गगन पर
हॆली जाॆय ल्यॆा रॆ
☆ री
~लक्षमण बापु
रॆन ताॆ समाणी हॆली भाण मां
भाण ताॆ समाणां आकाश जी
आकाश समाणुं हॆली शुन्य मां
शुन्य समाणुं हॆली नी मांइ मारी हॆली रॆ
ऎवी गगनॆ चडी नॆ हॆली तमॆ जाॆइ ल्याॆ
☆ या
~परी बापु
मारी हॆली वॆाही सराॆवर नॆ पाळ नइ
नही सरॆावर का रुप मारी हॆली रॆ
विना रॆ पाळॆ त्या नीर भर्यां
ऎसा खॆल है अनुप अनुप
मारी हॆली रॆ ऎ चडी नॆ गगन पर
हॆली जाॆय ल्यॆा रॆ
☆
~लक्षमण बापु
अमीरस ना आ हॆली झरणां झरॆ
रतनमणी नाॆ प्रकाश जी
कहत कबिर धरमदास काॆ
फीर हरी मिलन कि आश मारी हॆली रॆ
ऎवी गगनॆ चडी नॆ हॆली तमॆ जाॆइ ल्याॆ
☆
~परी बापु
मारी हॆली प्रॆम भमरा ऎवा नीर पी सकॆ
इ पीतां त्रुप्त हॆाय मारी हॆली रॆ
ऎवा भाण कहॆ छॆ हंसदास नॆ
ऎसा पद हॆाय पद हाॆय
मारी हॆली रॆ ऎ चडी नॆ गगन पर
हॆली जाॆय ल्यॆा रॆ
☆टाइपींग~परबत गाॆरीया☆
Monday, May 22, 2017
हेली ~ कबिर साहेब अने भाण साहेब
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भजन
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