Saturday, September 24, 2016

साधु हाल्या माजमरात

साधु हाल्या माजमरात
संताॆ भाइ साधु हाल्या माजमरात
ऎवी जातरा करवा रॆ गरवा दॆवनी रॆ
साधु हाल्या माजमरात
❈प
दिपकिया विरा वॆलडीयु शणगार
ऎ.. दिपकिया विरा वॆलडीयु शणगार
आज दिन रॆ उगॆ त्यां मंडप मां
मालीयॆ रॆ जी
!
भाइ गाॆवाळीया तुं छॆा माराॆ विर
भाइ गाॆवाळीया तुं छॆा माराॆ विर
रस्ता बतावाॆ गरवा दॆव ना रॆ जी
साधु हाल्या माजमरात
❈र
डावाॆॆ मारग द्वारीका मां जाय
ऎवाॆ डावाॆॆ मारग द्वारीका मां जाय
ऎवा जमणां रॆ मारग गरवा
दॆवना रॆ जी
!
वॆलु छुटीयुं वडला नी हॆॆठ
संताॆ भाइ वॆलु छुटीयुं वडला नी हॆॆठ
ऎवाॆ वडलाॆ रॆ वरस्याॆ साचां
माॆतीडॆ रॆ जी
साधु हाल्या माजमरात
❈ब
भाइ माळीडा तुं छॆा माराॆ विर
भाइ माळीडा तुं छॆा माराॆ विर
आज जमैयाॆ रचीयाॆ काॆऩा आंगणॆ
रॆ जी
!
डाबा टाॆडलॆ लीली नागर वॆल
संताॆ भाइ डाबा टाॆडलॆ लीली
नागर वॆल
जमणा टाॆडलॆ पारस पीपळाॆ रॆ जी
साधु हाल्या माजमरात
❈त
साॆनलॆ मंढाव्या धणी ना पाठ
संताॆ भाइ साॆनलॆ मंढाव्या धणी
ना पाठ
आज अलख नॆ वधाव्यां साचा
माॆतीडॆ रॆ जी
!
सरवॆ गत कहॆ ताॆरल मारी बॆन
संताॆ भाइ गत कहॆ ताॆरल मारी बॆन
आज तमॆ रॆ आव्या नॆ जॆसल
कॆम ना आव्या रॆ जी
साधु हाल्या माजमरात
❈गाॆ
जॆसल नॆ हतां घर कॆरां काम
संताॆ भाइ जॆसल नॆ हतां घर
कॆरां काम
आज अमॆ रॆ आव्यां नॆ जॆसलजी
ना आव्या रॆ जी
!
ताॆरल कहॆ तमॆ शाभळॆा मारा विर
सती कहॆ तमॆ शाभळॆा मारा विर
आज ज्याॆतु रॆ जलॆ कां पीर नी
जांखीयुं रॆ जी
साधु हाल्या माजमरात
❈री
गत कहॆ ताॆरल मारी बॆन
सरवॆ गत कहॆ ताॆरल मारी बॆन
आज स्वर्ग ना सामैयां जॆसलपीर
करी गया रॆ जी
!
दिपकिया विरा वॆलडीयु शणगार
ऎ.. दिपकिया विरा वॆलडीयु शणगार
आज दिन रॆ उगॆ त्यां अंजार मां
मालीयॆ रॆ जी
साधु हाल्या माजमरात
❈या
भाइ गाॆवाळीया तुं छॆा माराॆ विर
ऎ.. भाइ गाॆवाळीया तुं छॆा माराॆ विर
मनॆ समाचार आपाॆ रॆ जॆसलपीर
ना रॆ जी
!
सांभऴॆा नॆ सती ताॆरल नार
ऎ ..सांभळॆा तमॆ ताॆरल नार
आज जॆसल रॆ गया नॆ त्रणदी
वही गया रॆ जी
साधु हाल्या माजमरात

जांखां दिशॆ अंजार शॆर ना जाड
संताॆ भाइ जांखां दिशॆ अंजार
शॆर ना जाड
ऎवां जांखां रॆ दिशॆ रॆ आंबा नॆ
आंबली रॆ जी
!
जांखां दिशॆ चाॆरा नॆ चाॆपाट
ऎ..संताॆ जांखां दिशॆ चाॆरा नॆ चाॆपाट
जांखीं रॆ दिशॆ रॆ पीर नी डॆलीयुं
रॆजी
साधु हाल्या माजमरात

जांखां दिशॆ मॆळी नॆ मॆालात
संताॆ भाइ जांखां दिशॆ मॆळी
नॆ मॆालात
ऎवा जांखा रॆ दिशॆ रॆ पीरना
ढॆालीया रॆजी
!
जांखां दिशॆ पीर ना परीवार
संताॆ भाइ जांखां दिशॆ पीर ना
परीवार
ऎम जांखॆा रॆ दिशॆ रॆ पीरनाॆ डायराॆ
रॆजी
साधु हाल्या माजमरात

दियाॆ नॆ धरतीमां अमनॆ माग
ऎ दियाॆ दियाॆ धरती मां अमनॆ माग
आज मारॆ नॆ जॆसल नॆ छॆटां पड्यां रॆजी
!
गायाॆ गायाॆ कच्छ मां आराध
ऎ..संताॆ भाइ गायाॆ रुडाॆ कच्छ
मां आराध
सतीयॆ गायाॆ रॆ हरी नाॆ जुलणाॆ रॆजी
साधु हाल्या माजमरात
❈टाइपींग~परबत गाॆरीया❈

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