Wednesday, May 10, 2017

इश्क मे तुमे क्या बताये हम

इश्क में क्या बतायें कि दोनो
किस कदर चोट खाये हुए हैं
मौत ने उनको मारा है और हम
जिंदगी के सताये हुए हैं
☆प
ऐ लहद अपनी मिट्टी से केह दे
दाग लगने न पाये कफन को
आज ही हमने बदले हैं कपडे
आज ही हम नहाये हुए हैं
☆र
उसने शादी का जोडा पहन कर
सिर्फ चूमा था मेरे बदन को
बस उसी दिन से जन्नत में हुरें
मुजको दूल्हा बनाये हुए हैं
☆ब
अब हमें तो फकत एक ऐसी
चलती फिरती हुइ लाश कहिये
जिन की मैयत में हद है के हम खुद
अपना कंधा लगाये हुए हैं
☆त
देख साकी तेरे मयकदे का
कितना पहुंचा हुआ रिन्द हुं मैं
जितने आये हैं मैयत में मेरी
सब के सब ही लगाये हुए हैं
☆टाइपींग~परबत गाॆरीया☆

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