इश्क में क्या बतायें कि दोनो
किस कदर चोट खाये हुए हैं
मौत ने उनको मारा है और हम
जिंदगी के सताये हुए हैं
☆प
ऐ लहद अपनी मिट्टी से केह दे
दाग लगने न पाये कफन को
आज ही हमने बदले हैं कपडे
आज ही हम नहाये हुए हैं
☆र
उसने शादी का जोडा पहन कर
सिर्फ चूमा था मेरे बदन को
बस उसी दिन से जन्नत में हुरें
मुजको दूल्हा बनाये हुए हैं
☆ब
अब हमें तो फकत एक ऐसी
चलती फिरती हुइ लाश कहिये
जिन की मैयत में हद है के हम खुद
अपना कंधा लगाये हुए हैं
☆त
देख साकी तेरे मयकदे का
कितना पहुंचा हुआ रिन्द हुं मैं
जितने आये हैं मैयत में मेरी
सब के सब ही लगाये हुए हैं
☆टाइपींग~परबत गाॆरीया☆
Wednesday, May 10, 2017
इश्क मे तुमे क्या बताये हम
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गजल
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