Wednesday, February 22, 2017

कैलाश के निवाशी नमु बार बार

कैलाश कॆ निवाशी नमुं बार बार हुं
आयाॆ शरण तिहारॆ प्रभु तार तार तुं
❈प
भक्ताॆ काॆ कभी तुमनॆ निराश ना किया
मांगा जाॆ जीन्हॆ चाहा बरदान दॆ दिया
बडा है तॆरा दायजा बडा दातार तुं
आयाॆ शरण तिहारॆ प्रभु तार तार तुं
❈र
बखान क्या करु मॆ राखॆा कॆ ढॆर का
चपटी भभुत मॆ हॆ खजाना कुबॆर का
है गंगधार मुक्ती द्वार ऒमकार तुं
आयाॆ शरण तिहारॆ प्रभु तार तार तुं
❈ब
क्या क्या नहि दिया हम क्या प्रमाण दॆ
बस गयॆ त्रीलाॆक शंभु तॆरॆ दान छॆ
जहर पीया जीवन दिया कितना उदार
तुं
आयाॆ शरण तिहारॆ प्रभु तार तार तुं
❈त
तॆरी क्रीपा बिना न हिलॆ ऎक हि अणुं
लॆतॆं है श्वासं तॆरी दया सॆ तनुं तनुं
कहॆ दाद ऎकबार मुजकाॆ निहार तुं
आयाॆ शरण तिहारॆ प्रभु तार तार तुं
❈टाइपींग~परबत गाॆरीया❈

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