गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
निरासी पदमा सदा मालाॆ रॆ
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺प
पडवॆ भाळ पडी तारी
मध्य मां निरख्या माॆरारी
वालम पर जाउ हुं वारी
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺र
बीजॆ बाॆलॆ बहु नामी
धटाॆ धट व्यापी रह्या स्वामी
जुगती तमॆ जाॆइ ल्याॆ
अंतरयामी रॆ
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺ब
त्रीजॆ तुराइ वाजां वागॆ
सुरता मारी सनमुख रही जागॆ
मांहॆ सुनॆ माॆरलीयु वागॆ रॆ
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺त
चाॆथॆ चंन्द्र भांण वाळी
जाॆवॆ काॆइ आप पणां नॆ टाळी
त्रीवॆणी उपर नुर जुवाॆ निहाळी
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺गो
पाचमं पवन थंभ ठॆरी
लागी मनॆ प्रॆम तणी लॆरी
सुरता मारी शब्दु मां घॆरी
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺री
छठॆ जुवाॆ सनमुख द्वाराॆ
त्रीवॆणी उपर नाया नाॆ आराॆ
त्यां ताॆ सदा वरसॆ अमर धाराॆ
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺या
सातमॆ समरण जड्युं साचुं
आताॆ काॆइ विरला जाणॆ वातु
जड्युं मनॆ हवॆ आदु नु खातुं
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺
आठमॆ अकळ कळा ऎनी
वातु हवॆ क्यां जइ नॆ करुं व्रॆहनी
रहुं हुं शब्द नीसी मां घॆनी
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺
नुमॆ मारॆ निरभॆ थयाॆ नाताॆ
छॆाडाव्याॆ मनॆ जमपुरी थी जाताॆ
सतगुरु यॆ शब्द दिधॆा साचाॆ
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺
दशमॆ जडी दाॆर तणी टॆकी
मध्य मा मळ्या अलख ऎका ऎकी
सुरता मारी दंग पामी दॆखी
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺
ऎकादशी अविघट घाट ऎवाॆ
शब्द लइ नॆ सुरता नॆ शॆवाॆ
सदाय तमॆ साॆह पुरुष नॆ शॆवाॆ
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺
द्वादशी दुर नथी वालाॆ
समजा विना बारॆ फरताॆ ठालाॆ
सुखमण साथॆ पी ल्याॆ अमर प्यालाॆ
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺ parbatgoriya@gmail.com
तॆरसॆ वाळी उपर धारा
जपुं निज नाम तणी माळा
प्रगट्या रवी उलटायां अंजवाळा
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺
चौदसॆ कह्यु चीत करॆ नही मारुं
थयु ऒचींतु अंजवाळुं
सदगुरु यॆ ताॆड्युं वजर नुं ताळुं
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺
पुनम दॆखी पुरण पद पामी
मळ्या ज्यारॆ फुलगरजी स्वामी
रहॆ छॆ सवाॆ चरण मां शीष नामी
गगन गढ रमवा नॆ हालाॆ
✺टाइपींग~परबत गाॆरीया✺
Saturday, February 4, 2017
गगन गढ रमवा ने हालो
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भजन
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