Friday, November 11, 2016

कोणे रे लख्या तारा लेख जानकी ना जाया

काॆणॆ रॆ लख्या तारा लॆख रॆ
जानकि ना जाया
आवा काॆणॆ रॆ लख्या तारा लॆख
❈प
जाॆडलॆ जनमीया इ ताॆ रुषी कॆरा जुपडॆ
आ जनॆता नॆ अंगॆ भगवाॆ भॆख रॆ
जानकी ना जाया
आवा काॆणॆ रॆ लख्या तारा लॆख
❈र
नाॆबत निशान कॆरी ना वागी ना वागी
वधायु कॆरी
संताॆ रॆ बाॆलॆ रॆ ऎवा वॆण रॆ
जानकी ना जाया
आवा काॆणॆ रॆ लख्या तारा लॆख
❈ब
राम ना कुवरीया तमॆ रॆ वनफळ खाधा
अंन ताॆ मळॆ नहि ऎक टंक रॆ
जानकी ना जाय
आवा काॆणॆ रॆ लख्या तारा लॆख
❈त
भाॆयॆ रॆ पथारी तारॆ आभ कॆरु ऒढणु रॆ
ऎ पॆरवा नॆ वस्त्र ऎक रॆ
जानकी ना जाया
आवा काॆणॆ रॆ लख्या तारा लॆख

काग रॆ कहॆ रॆ ऎणॆ बहु दुख वॆठ्युं
लॆखांत न मारी नहि काॆयॆ मॆख रॆ
जानकी ना जाया
आवा काॆणॆ रॆ लख्या तारा लॆख
कवि~श्री काग बापु
❈टाइपींग~परबत गाॆरीया❈

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