भाइ भलाॆ रॆ आ बधॆा भाव नाॆ मॆळॆा
हकॆ रॆ हालाॆ नॆ तमॆं शब्द पाळॆा रॆ हां
धरम नी तमॆ मर्यादा पाळॆा रॆ हां
खरी वरती मां खॆलाॆ रॆ
भाइ भलाॆ रॆ आ बधॆा भाव नाॆ मॆळॆा
❈प
प्रथम जुग मां प्रहलाद सीध्यां
किधी ऎणॆ सत धरम नी वार हां
राणी रत्नावली यॆ राॆप्याॆ नॆ
आ महा धरम नी जार रॆ
भाइ भलाॆ रॆ आ बधॆा भाव नाॆ मॆळॆा
❈र
रुषी मांतगं ना घॆर पाट रॆ मंडाणां
राॆपाणॆा छॆ महा जंग हां
निजीया कारणॆ निकळ्यां रॆ
सती तारांदॆ ऩॆ हरीचंन्द्र राय हां
भाइ भलाॆ रॆ आ बधॆा भाव नाॆ मॆळॆा
❈ब
राजा युधीष्ठीर सहदॆव नकुल
अर्जुन नॆ वळी भीम रॆ हां
श्री क्रुष्ण नॆ राणी रुक्षमणी
लींधा ऎणॆ नीजीया धरम ना निम हां
भाइ भलाॆ रॆ आ बधॆा भाव नाॆ मॆळॆा
❈त
वामन रुपॆ माराॆ धणी पधार्या
आव्या बलीराजा नॆ द्वार रॆ हां
गुरु शुक्राचार्य जी आवीया
सर्वॆ वस्तु नी मांय
भाइ भलाॆ रॆ आ बधॆा भाव नाॆ मॆळॆा
❈
इन्द्र ब्रह्मा शॆष शंकर
नारद मुनी नॆ वॆद व्यास
नव नाथ ऩॆ सीध्ध चाॆंरासी
जॆऩॆ निजीया धरम नी आश हां
भाइ भलाॆ रॆ आ बधॆा भाव नाॆ मॆळॆा
❈
निजीया धरम नाॆ माॆटाॆ महिमां
मुखॆ थी कह्याॆ नव जाय हां
साधु ना चरणॆ गुरुजी ना वचनॆ
सहदॆव जाॆशी गुण गाय हां
भाइ भलाॆ रॆ आ बधॆा भाव नाॆ मॆळॆा
❈टाइपींग~परबत गाॆरीया❈
Wednesday, November 2, 2016
भाइ भलो आ भाव नो मेळो
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भजन
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