पार्वती जल जीलण चली नारी नवलॆ वॆश
अंग नाॆ मॆल उतारी नॆ तॆना घडीया गणॆश
*
कुंभ घडुलाॆ भरी लावॆ माराॆ सायबाॆ
शंख जल कॆरी धार
हालाॆ मारी सयरु हालाॆ मारी बहॆनाॆ
गणॆश वधाववा नॆ जइयॆ
कुंभ घडुलाॆ भरी लावॆ माराॆ सायबाॆ
✺प
उमीयाजी ना वालाॆ अंगॆ थी उप्ज्या
गवरी नंद गणॆश
हालाॆ मारी सयरु हालाॆ मारी बहॆनाॆ
गणॆश वधाववा नॆ जइयॆ
कुंभ घडुलाॆ भरी लावॆ माराॆ सायबाॆ
✺र
हाथ मां कंकावटी चाॆखलीया नी थाळी
माॆतीडॆ चाॆक पुराय
हालाॆ मारी सयरु हालाॆ मारी बहॆनाॆ
गणॆश वधाववा नॆ जइयॆ
कुंभ घडुलाॆ भरी लावॆ माराॆ सायबाॆ
✺ब
कहत कबिरा सुनाॆ भाइ साधु
गरवा गणॆश गवाय
हालाॆ मारी सयरु हालाॆ मारी बहॆनाॆ
गणॆश वधाववा नॆ जइयॆ
कुंभ घडुलाॆ भरी लावॆ माराॆ सायबाॆ
✺टाइपींग~परबत गाॆरीया ✺
Saturday, September 17, 2016
कुंभ घडुलो भरी लावे मारो सायबो
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भजन
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