ओ लाल मेरी पत रखियो
भला झुले लालण
सिंदरी दा, सेवण दा,
सखी शाहबाज़ कलंदर
दमादम मस्त कलंदर,
अली दम दम दे अंदर
दमादम मस्त कलंदर,
अली दा पहेला नंबर
✺प
चार चराग तेरे,बर्ण हमेशा
पंजवा में बारण,आइ
बला झुले लालण
सिंदरी दा, सेवण दा,
सखी शाहबाज़ कलंदर
दमादम मस्त कलंदर,
✺र
हिंद सिंद पीरा तेरी नौबत
बाजे नाल वजे घडियाल
बला झुले लालण
सिंदरी दा, सेवण दा,
सखी शाहबाज़ कलंदर
दमादम मस्त कलंदर,
✺ब
ओ हर दम पीरा तेरी खैर होवे
नाम-ए-अली बेडा पार लगा
झुले लालण सिंदरी दा,
सेवण दा,
सखी शाहबाज़ कलंदर
दमादम मस्त कलंदर,
अली दम दम दे अंदर
दमादम मस्त कलंदर,
✺त
अली दा पहेला नंबर
ओ लाल मेरी पत रखियो
भला झुले लालण
सिंदरी दा, सेवण दा,
सखी शाहबाज़ कलंदर
दमादम मस्त कलंदर,
अली दम दम दे अंदर
✺ टाइपींग~परबत गाॆरीया ✺
Tuesday, September 27, 2016
दमादम मस्त कलंदर
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गजल
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