शीखामण आपे साेनल मात
ऐ जी तमे समजो चारण मुंजा भाइ
आवि शीखामण आपे साेनल मात
★प
दाम लइ ने दीकरी देवी ऐ ताे
गजब पाप गणाय जी
मने मानो इ माफ करजाे आतम
माराे अकळाइ जी
आवि शीखामण आपे साेनल मात
★र
करेली कमाणी काम न आवे ऐ तो
व्यशन मां वेडफाय जी
शरीर संतती समाज बगडे इ मारा
थी केम जाेवाइ जी
आवि शीखामण आपे साेनल मात
★ब
देव कूल थी दीकरा मारा भिक्षा
नव मंगाय जी
त्रिशूल जाेइ टाढ लागे काळज
मारा ककळाइ
आवि शीखामण आपे साेनल मात
★त
दारू दैतय अभक्ष भक्षण आपणा
थी नाे अडाय जी
शक्ती ऐ थी हाली गइ छे रदय
थी रिहाय
आवि शीखामण आपे साेनल मात
★
वेर जेर नी वाडयाे ताेडी चारण
शुध्ध थइ जाव जी
साेनल कहे हरदास कारणे
तो ताे मारुं जीवन सफल गणाय
आवि शीखामण आपे साेनल मात
माॆ.9925872210
Parbat.goriya@yahoo.com
★टाइपींग~परबत गाॆरीया★
Tuesday, September 27, 2016
शिखामण आपे सोनल मात
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भजन
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