Tuesday, September 27, 2016

शिखामण आपे सोनल मात

शीखामण आपे साेनल मात
ऐ जी तमे समजो चारण मुंजा भाइ
आवि शीखामण आपे साेनल मात
★प
दाम लइ ने दीकरी देवी ऐ ताे
गजब पाप गणाय जी 
मने मानो इ माफ करजाे आतम
माराे अकळाइ जी
आवि शीखामण आपे साेनल मात
★र
करेली कमाणी काम न आवे ऐ तो
व्यशन मां वेडफाय जी
शरीर संतती समाज बगडे इ मारा
थी केम जाेवाइ जी
आवि शीखामण आपे साेनल मात
★ब
देव कूल थी दीकरा मारा भिक्षा
नव मंगाय जी
त्रिशूल जाेइ टाढ लागे काळज
मारा ककळाइ
आवि शीखामण आपे साेनल मात
★त
दारू दैतय अभक्ष भक्षण आपणा
थी नाे अडाय जी
शक्ती ऐ थी हाली गइ छे रदय
थी रिहाय
आवि शीखामण आपे साेनल मात

वेर जेर नी वाडयाे ताेडी चारण
शुध्ध थइ जाव जी
साेनल कहे हरदास कारणे
तो ताे मारुं जीवन सफल गणाय
आवि शीखामण आपे साेनल मात
माॆ.9925872210
Parbat.goriya@yahoo.com
★टाइपींग~परबत गाॆरीया★

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