भक्ती मरजीवानुं काम,
भक्ती मरजीवाना कामनी
ताराॆ टळ्याॆ नहि अभीमान,
ताराॆ मट्याॆ नहि अभीमान 
फकिरी अलख पुरुष ना कामनी...
✺प
दुर्मती दुर तजाॆ अभीमान,
मांहॆ थी टाळॆा गुमान
कनक कामीनी बहाॆत कठीन है,
अब ताॆ उगाराॆ मॆरॆ श्याम
फकिरी अलख पुरुष ना कामनी...
✺र
काम क्राॆध अडाॆबल जाॆॆध्धा,
पकडी मंगावाॆ आ ठाम
मान गुमान मॆलाॆ मारग मां,
ताॆ पहाॆचाॆ निज धाम
फकिरी अलख पुरुष ना कामनी...
✺ब
कायर हाॆय इ रण दॆखी कंपॆ, 
शुरा लडॆ मॆदान
कहत कबिर सुनाॆ भाइ साधु,
अटल भुमी ऎ स्थान 
फकिरी अलख पुरुष ना कामनी...
माॆ.9925872210
Parbat.goriya@yahoo.com
✺टाइपींग~परबत गाॆरीया✺
 
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