Tuesday, September 27, 2016

मन हरी गयो मारुं माता अनसुया

मन हरी गयाॆ मारुं माता अनसुया
नाॆ लाल
चीत चाॆरी गयाॆ मारुं माता अनसुया
नाॆ लाल
मन हरी गयाॆ मारुं माता अनसुया
नाॆ लाल
❈प
जटा शिर पर बिजचंन्द्र गंगा कॆरी धार
कान मां कुंडळ जळहळॆ थाय विज
तणॆा चमकार
मन हरी गयाॆ मारुं माता अनसुया
नाॆ लाल
❈र
विशाळ भाल मां तिलक शॆाभॆ
जॆम शॆाभॆ उदय नाॆ भाण
नाक नमणुं प्रॆम नाॆ सागर
उभरॆ नयनाॆ मां
मन हरी गयाॆ मारुं माता अनसुया
नाॆ लाल
❈ब
खंभॆ जाॆळी षड भुजाॆ मां
आयुध्ध ग्रह्या सार
शंख चक्र त्रीशुल डमरुं
कमंडल नॆ माल
मन हरी गयाॆ मारुं माता अनसुया
नाॆ लाल
❈त
पिळु पितांम्बर शु काॆमल पदमां
पावडी तारणहार
शक्ती धॆनु वॆदॆ श्वान थइ
बॆठा पदारथ चार
मन हरी गयाॆ मारुं माता अनसुया
नाॆ लाल

काॆटी कंदर्प थी रुप अधीक जॆनु
रसना ना शाभार
शॆष सारद नारद थाक्या
पुनितॆ जॆाड्या हाथ
मन हरी गयाॆ मारुं माता अनसुया
नाॆ लाल
❈टाइपींग~परबत गाॆरीया❈

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