ऎवां दिलडां डगॆ नहि हरी ना दासना
भलॆ नॆ भांगी पडॆ भ्रमांड रॆ
चीतडां चळॆ नइ साचा संतना
सागरीया छलॆ हद छांड रॆ
ऎवां दिलडां डगॆ नहि साचा संतना
❈प
ऎवा बली नॆ ताव्या बहुनामीयॆ
पाॆचाड्या ता ऎनॆ पाताळ रॆ
पग त्यां चाट्या परी ब्रह्म ना
हॆ रामनॆ करी लीधा रखवाळ रॆ
ऎवां दिलडां डगॆ नहि साचा संतना
❈र
ऎवा प्रहलादनॆ पीतायॆ संतापीया
भम्याॆ ऎनॆ माथॆ महाकाळ रॆ
ब्रह्मा रॆ भरमाणा आनॆ काॆणॆ घडीयाॆ
वालाॆजी थया तॆदि विकराळ रॆ
ऎवां दिलडां डगॆ नहि साचा संतना
❈ब
हॆ राज राणी नॆ राॆहिदास नाॆ
हरीचंन्द्र यॆ छाॆडी दिधॆा साथ रॆ
मसाण जगाड्या वसमी रात नां
धन धन अयाॆध्या ना नाथ रॆ
ऎवां दिलडां डगॆ नहि साचा संतना
❈त
ऎवां भुखॆ रॆ भरडांणां ऎनां बालुंडां
सुदामाजी गया प्रभुनी पास रॆ
भगत रॆ भीखॆ ताॆ हरी भाॆंठा पडॆ
माग्या विण वळ्या निरास रॆ
ऎवां दिलडां डगॆ नहि साचा संतना
❈
हॆ वॆध्याॆ बालुडाॆ कुवर वाणीयॆ
जनॆतायॆ काढ्याॆ रुडाॆ राग रॆ
अधाॆरी जमाडॆ मन उजडा
कॆवाय भराॆषॆा ऎनॆ काग रॆ
ऎवां दिलडां डगॆ नहि साचा संतना
रचना~काग बापु
❈टाइपींग~परबत गाॆरीया❈
ढाळ~करम नाॆ संगाथी राणा मारुं
Saturday, September 17, 2016
दिलडां डगे नही हरी ना दास ना
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भजन
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